जनता की जीत, रसूख की हार: मोहन यादव ने दिलाया भरोसा कानून सबके लिए बराबर

 मारूफ अहमद खान –

 

भोपाल का रसूखदार शारिक मछली, जो लंबे समय से सत्ता पक्ष की नज़दीकियों और अपने दबदबे के कारण खुद को कानून से ऊपर समझता था, आखिरकार कानून के शिकंजे में आ ही गया।
यह वही शारिक मछली है जिस पर तरह-तरह के आरोप लगे लेकिन हर बार बच निकलता था।
उसकी रसूख और ताक़त ने आम जनता को यह यक़ीन दिला दिया था कि उसका कुछ बिगाड़ना नामुमकिन है।
मगर इस बार परिस्थितियाँ बदलीं और सरकार ने कठोर कदम उठाया।
जिससे साफ़ हो गया कि भोपाल में अब ‘रसूख’ से ज़्यादा ‘कानून’ की ताक़त काम करेगी।
लोगों ने इसे इंसाफ़ की एक बड़ी जीत माना है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस कार्रवाई के ज़रिए यह संदेश दिया कि उनकी सरकार में अपराधी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने यह भी दिखा दिया कि अब राजनीति से ऊपर कानून की ताक़त खड़ी है।
मोहन यादव की यह कार्यशैली साफ़ और पारदर्शी शासन का संकेत देती है।
जनता को यह भरोसा दिलाना आसान नहीं था कि सरकार रसूखदारों पर भी कार्रवाई करेगी।
लेकिन मुख्यमंत्री ने यह भरोसा पैदा करके जनता का विश्वास मज़बूत किया।
उनके इस कदम ने प्रदेश की राजनीति को एक नई दिशा दी है।

शारिक मछली का नाम हमेशा विवादों और दबंगई से जुड़ा रहा है।
वह सत्ता पक्ष से करीबी रिश्ते रखकर हर बार बच निकलता था।
कभी धनबल और कभी बाहुबल का इस्तेमाल करके उसने अपनी अलग दुनिया बना ली थी।
आम लोग उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने से डरते थे।
लेकिन मुख्यमंत्री ने यह डर तोड़ दिया और यह दिखा दिया कि अपराधी चाहे कितना भी ताक़तवर क्यों न हो, अब कानून का शिकंजा उस तक ज़रूर पहुँचेगा।
इससे जनता के बीच न्याय की उम्मीद और भी मजबूत हुई है।

मोहन यादव की कार्यशैली की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वे सिर्फ़ बयानबाज़ी नहीं करते बल्कि फैसले लेते हैं और उन्हें अमल में लाते हैं।
उनका मानना है कि क़ानून सबके लिए बराबर है और इस सिद्धांत पर वे अडिग नज़र आते हैं।
शारिक मछली पर हुई कार्यवाही इसका ताज़ा सबूत है।
उन्होंने यह साबित कर दिया कि सरकार अगर ठान ले तो बड़े से बड़ा रसूखदार भी कानून से नहीं बच सकता।
प्रदेश की जनता को यह सख़्त और निष्पक्ष रवैया पसंद आ रहा है।
लोग कह रहे हैं कि यही असली नेतृत्व है जो जनता की आवाज़ बनता है।

यही वजह है कि मोहन यादव की यह कार्यवाही पूरे प्रदेश में एक सख्त और साफ संदेश बनकर गूँज रही है।
कि अपराधी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर गुनाह करेगा तो सज़ा ज़रूर मिलेगी।
जनता में यह संदेश गया है कि मुख्यमंत्री जनता के साथ खड़े हैं, ना कि रसूखदार अपराधियों के साथ।
यह कदम भविष्य के लिए एक नज़ीर बनेगा और अपराधियों को चेतावनी देगा।
लोग इसे प्रदेश की सियासत में ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं।
मुख्यमंत्री की यह सख़्त कार्यशैली आने वाले समय में क़ानून व्यवस्था को और मज़बूत करेगी।

 

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