क्या ये तीन इस्तीफे महज संयोग हैं, या किसी बड़े खुलासे का ट्रेलर?

महादेव बेटिंग ऐप कांड PMO से प्रसार भारती तक हड़कंप, तीन बड़े इस्तीफे और टीवी चैनलों का सन्नाटा?

✍️ प्रेरणा गौतम

पिछले 72 घंटों में तीन हाई-प्रोफाइल इस्तीफों ने देश की सियासत और मीडिया में भूचाल ला दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर लॉ कमीशन और प्रसार भारती तक एक साथ तीन बड़े नाम अचानक पद छोड़कर चले गए। सोशल मीडिया पर दावा है कि इन सबकी जड़ 50,000 करोड़ रुपए के कथित महादेव बेटिंग ऐप घोटाले से जुड़ी है।

दुबई से चलने वाला 50,000 करोड़ का बेटिंग एम्पायर
महादेव बेटिंग ऐप को दुबई से संचालित ऑनलाइन सट्टेबाजी का सबसे बड़ा नेटवर्क बताया जाता है। ED और छत्तीसगढ़ पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि पिछले चार सालों में इसने हवाला, नकली बैंक अकाउंट और क्रिप्टो के जरिए अरबों रुपए का कारोबार किया। मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल अभी भी फरार हैं।

इस्तीफा नंबर 1 – हिरन जोशी (OSD, PMO)
गुजरात के दिनों से नरेंद्र मोदी के साथ रहे हिरन जोशी लंबे समय तक PMO में मीडिया और कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजी के अहम चेहरे थे। सोशल मीडिया पर वायरल व्हाट्सएप चैट और दस्तावेजों में दावा किया जा रहा है कि दुबई से उनके जरिए भारी रकम भारत लाई गई। अचानक इस्तीफा और तुरंत अश्विनी वैष्णव को जिम्मेदारी सौंपना सवालों का सिलसिला शुरू हो गया।

इस्तीफा नंबर 2- हितेश जैन (मेंबर, लॉ कमीशन ऑफ इंडिया)
अप्रैल 2025 में नियुक्ति, अक्टूबर अंत तक इस्तीफा। हिरन जोशी के करीबी माने जाने वाले हितेश जैन का सरकारी आवास भी खाली करा लिया गया। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि लॉ कमीशन में ऑनलाइन गेमिंग-बेटिंग से जुड़े कानूनों को ढीला करने की कवायद चल रही थी। आधिकारिक पुष्टि भले न हो, लेकिन टाइमिंग ने संदेह को और गहरा दिया।

इस्तीफा नंबर 3 – नवनीत सहगल (चेयरमैन, प्रसार भारती)
2 दिसंबर को अचानक इस्तीफा। एक साल का कार्यकाल बाकी था। यूपी कैडर के वरिष्ठ आईएएस और कई सरकारों में सूचना विभाग संभाल चुके सहगल का जाना सबसे चौंकाने वाला रहा। प्रसार भारती के जरिए सरकारी मीडिया पर नियंत्रण की कड़ी मानी जाती है। उनके इस्तीफे के साथ ही सवाल उठा क्या “नैरेटिव मैनेजमेंट” भी इस घोटाले का हिस्सा था?

टीवी चैनलों पर सन्नाटा छाया हुआ ही,और सोशल मीडिया पर तूफान 50,000 करोड़ का कथित घोटाला, PMO से प्रसार भारती तक इस्तीफे, दुबई कनेक्शन फिर भी ज्यादातर बड़े न्यूज़ चैनल खामोश। न कोई डिबेट, न कोई ब्रेकिंग। ट्विटर और व्हाट्सएप पर लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं “मीडिया मैनेजमेंट” का खेल चल रहा है क्या?

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “यह सिर्फ बेटिंग ऐप का मामला नहीं, सत्ता के गलियारों तक पैठ बन चुके नेटवर्क का मामला है। CBI या SIT से जांच होनी चाहिए।” AAP और TMC ने भी यही मांग दोहराई है,तो अब

अब आगे क्या?

तीन इस्तीफों पर सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। जांच एजेंसियां चुप हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर जो दस्तावेज और चैट वायरल हो रहे हैं, वे सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह मामला सिर्फ एक बेटिंग ऐप का नहीं, बल्कि सत्ता, नौकरशाही और मीडिया के गठजोड़ की कहानी है।

अगले कुछ दिन बताएंगे कि ये इस्तीफे सिर्फ संयोग थे या किसी बड़े खुलासे की शुरुआत। फिलहाल हवा में एक ही सवाल गूंज रहा है ..
आखिर सच छिपाने की कोशिश हो क्यों रही है?

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