
विक्की पारधी, आमला।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के आमला विकासखंड क्षेत्र में जननी 108 एम्बुलेंस हादसे का शिकार हो गई। हादसा बोरदेही के पास ग्राम घानाउमरी से करीब तीन किलोमीटर दूर अलसुबह हुआ, जिसमें सवार जच्चा-बच्चा गंभीर रूप से प्रभावित हुए और नवजात की मौत हो गई।

पीड़ित पिता दिलीप इवनाती ने बताया कि उनकी पत्नी कलस्या बाई की डिलेवरी घर में हुई थी। प्रसूता को बोरदेही अस्पताल ले जाने के लिए जननी 108 वाहन बुलाया गया था। वाहन में कलस्या बाई नवजात शिशु के साथ अपनी माँ और सास के साथ सवार थी।
घटना सुबह लगभग चार बजे की है जब एम्बुलेंस अचानक पलट गई। हादसे के बाद अंधेरे के कारण नवजात शिशु करीब एक घंटे तक नहीं मिल सका। जब तक बच्चा मिला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
घायलों को तुरंत बोरदेही शासकीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सिविल अस्पताल आमला रेफर कर दिया गया।
बड़ा सवाल – जिम्मेदारी किसकी?
सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में आधुनिक तकनीक और बेहतर सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट दिखाई देती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ आज भी लचर हालत में हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी लापरवाही और व्यवस्थागत कमी के कारण गरीब लोग कब तक अपनी जान गंवाते रहेंगे?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से जनता पूछ रही है – क्या योजनाएँ केवल कागज़ों तक ही सीमित रहेंगी या वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों तक उनका लाभ पहुँचेगा?

