साइबर अटैक से बचाव सरल भाषा में समझें और सुरक्षित रहें
प्रेरणा गौतम
आज इंटरनेट हमारी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। हम ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, बैंकिंग करते हैं, दोस्तों से चैट करते हैं, लेकिन इसके साथ साथ साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। साइबर अटैक वो तरीके हैं, जिनसे हैकर्स आपकी निजी जानकारी, जैसे पासवर्ड, बैंक डिटेल्स या पैसे चुराने की कोशिश करते हैं।
आइये जानते हैं क्या है साइबर अटैक?, ये कैसे होते हैं, और आप इनसे कैसे बच सकते हैं?
साइबर अटैक क्या है?
साइबर अटैक का मतलब है इंटरनेट के ज़रिए आपके फोन, कंप्यूटर या ऑनलाइन खातों पर हमला करना। जैसे कोई चोर आपके घर में चोरी करता है, वैसे ही साइबर चोर आपकी जानकारी चुराते हैं और ये हमले कई तरह के हो सकते हैं?
फर्जी ईमेल या मैसेज भेजकर आपको लिंक पर क्लिक करवाना या पासवर्ड मांगना।
या वायरस भेज कर या हानिकारक सॉफ्टवेयर भेज कर आपके फोन/कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाया जाता है ,आपका डेटा लॉक करके पैसे मांगना।
कमजोर पासवर्ड का फायदा उठाकर आपके खाते में सेंध लगाना। ये सब साइबर अटैक के कुछ महत्वपुर्ण जानकारियां है जो आप सभी को जानना बेहद जरुरी है।
साइबर अटैक क्यों खतरनाक हैं?
साइबर अटैक से आपका पैसा आपके ही अकाउंट से चोरी हो सकता है और आपको भनक भी नहीं लग पाती और जबतक आपको पता चलता है तबतक आपका सारा पैसा चोरी हो चूका होता है । आपकी निजी जानकारी जैसे फोटो, दस्तावेज गलत हाथों में जा सकती है। आपकी पहचान चुराकर उसका दुरुपयोग हो सकता है। आपके फोन या कंप्यूटर का डेटा मिट सकता है।
साइबर अटैक कैसे होते हैं?
मान लीजिए, आपको एक मैसेज आता है: “आपने 10,000 रुपये का इनाम जीता है, इस लिंक पर क्लिक करें।” आप खुश होकर क्लिक करते हैं, और एक फर्जी वेबसाइट पर पहुंचते हैं जो आपसे पासवर्ड या बैंक डिटेल्स मांगती है। जैसे ही आप जानकारी देते हैं, हैकर उसे चुरा लेता है। ऐसे ही फर्जी ईमेल, कॉल, या मैसेज के ज़रिए साइबर अटैक होते हैं।
आम लोग साइबर अटैक से कैसे बचें?
साइबर अटैक से बचना मुश्किल नहीं है, बस कुछ सावधानियां बरतनी होती है ।जैसे मजबूत पासवर्ड बनाएं:
पासवर्ड ऐसा हो जो आसानी से ना तोड़ा जा सके, जैसे “Raju@1234” की जगह “R@juKiCycle2023″।
हर खाते के लिए अपना एक अलग पासवर्ड बना कर रखें।पासवर्ड याद रखने के लिए आप पासवर्ड को अपनी डायरी या सुरक्षित स्थान पर लिख कर रख सकते है.
अनजान लिंक पर क्लिक न करें:
अगर कोई मैसेज या ईमेल आपको लिंक पर क्लिक करने को कहता है, तो पहले जांच लें।
अगर बैंक का मैसेज आया है, तो लिंक पर क्लिक करने की बजाय बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर एक बार जांच करे।
ओटीपी या पासवर्ड किसी को न बताएं:
कोई भी बैंक, कंपनी या सरकारी अधिकारी फोन पर ओटीपी या पासवर्ड नहीं मांगते है इस बात का ध्यान रखे।
अगर कोई ऐसा कॉल करता है, तो तुरंत फोन काटें और बैंक से संपर्क करें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें:
ये आपके खाते में एक अतिरिक्त ताला लगाने जैसा होता है। जैसे, लॉगिन करने के लिए पासवर्ड के साथ-साथ आपके फोन पर आने वाला ओटीपी भी जरुरी होता है ।
इसे जीमेल एकाउंट , बैंक खाते, और सोशल मीडिया पर ज़रूर चालू करवाए ।
अपने फोन, ऐप्स और कंप्यूटर को हमेशा अपडेट करके रखे जिससे पुराने सॉफ्टवेयर में जो कमजोरियां होती हैं, हैकर्स उसका फायदा न उठा सके ।
एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर भी इंस्टॉल करें।
पब्लिक वाई-फाई से सावधान रहे, मॉल, कैफे या ट्रेन में फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय बैंकिंग या निजी काम न करें।अगर करना ही हो, तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का उपयोग करें।
अपना डेटा सुरक्षित रखें:
ज़रूरी फाइलों जैसे फोटो, दस्तावेज का बैकअप गूगल ड्राइव या बाहरी हार्ड ड्राइव पर रखें।
अगर हमला हो, तो आपका डेटा सुरक्षित रहेगा।
सोशल मीडिया पर ज़्यादा जानकारी न डालें:
अपनी जन्मतिथि, पता, या फोन नंबर जैसी चीज़ें पब्लिकली शेयर न करें।
हैकर्स इसका इस्तेमाल आपके खातों को हैक करने के लिए कर सकते हैं।
सही-गलत कैसे पहचानें?
साइबर अपराधी अक्सर डराने या लालच देने की कोशिश करते हैं।
अजीब ईमेल या नंबर: अगर मैसेज या कॉल किसी अनजान नंबर या अजीब ईमेल (जैसे “bank123@gmail.com”) से आया है, तो सावधान रहें।
जल्दबाजी का दबाव: “तुरंत क्लिक करें, ऐसे मैसेज फर्जी हो सकते हैं।
फर्जी मैसेज में अक्सर टाइपिंग की गलतियां या गलत शब्दो और भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। “फ्री रिचार्ज” या “लॉटरी जीत गए” जैसे मैसेज पर भरोसा कभी न करें।
और अगर आपको शक हो, तो लिंक पर क्लिक करने की बजाय कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या कस्टमर केयर से संपर्क करें।
अगर साइबर अटैक हो जाए, तो क्या करें?
तुरंत पासवर्ड बदलें अगर आपको लगता है कि आपका खाता हैक हुआ है, तो तुरंत पासवर्ड बदल कर अपने फ़ोन या कंप्यूटर को एक बार ऑफ करके दुबारा ऑन करके ही इस्तेमाल करे ।अगर पैसे चोरी हुए हैं, तो तुरंत बैंक को कॉल करें और खाता को फ्रीज करवाएं। भारत में साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत करें। नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराये ।
अंतिम ख़बर की अंतिम बात
साइबर अटैक से डरने की ज़रूरत नहीं है, बस सतर्क रहे । जैसे हम घर का ताला लगाते हैं, वैसे ही अपने ऑनलाइन खातों को सुरक्षित रखें। अगर आपको कोई मैसेज, कॉल, या लिंक शक पैदा करता है, तो उसे अनदेखा करें और जांच करें। अपनी जानकारी को गुप्त रखें, और दूसरों को भी जागरूक करें। अगर हम सब मिलकर सावधानी बरतें, तो साइबर चोरों का काम मुश्किल हो जाएगा।